मुश्किल में सोनू निगम, SEBI ने कृषि जमीन बेचने पर लगायी रोक

पीएसीएल ने मई 2018 में समिति के समक्ष कहा था कि विटल सी मार्केटिंग की 99 प्रतिशत से अधिक शेयर पूंजी उसकी 21 सहयोगी कंपनियों के पास है। उसके अनुसार विटल सी मार्केटिंग पीएसीएल की सहयोगी कंपनी है और समिति ने निर्देश दिया कि ये संपत्ति बाजार नियामक द्वारा कुर्क की जानी चाहिए।                                                                                         नयी दिल्ली। पूंजी बाजार नियामक सेबी ने गायक सोनू निगम पर महाराष्ट्र में मुंबई से कुछ दूरी पर स्थित करजात इलाके में कृषि भूमि के निपटान या हस्तांतरण करने को लेकर पाबंदी लगा दी है। उन्होंने यह जमीन संकट में फंसे पीएसीएल समूह की एक कंपनी से खरीदी थी। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने पीएसीएल पर कई पाबंदी लगायी है। पीएसीएल ने 18 साल में अवैध सामूहिक निवेश के जरिये 60,000 करोड़ रुपये जुटाये। समूह को कोई भी संपत्ति बेचने या हस्तांतरित करने की अनुमति नहीं है। निगम का मुंबई से 62 किलोमीटर दूर करजात में फार्म हाउस है।सेबी ने अपने आदेश में कहा कि निगम पर करजात में 53 एकड़ से अधिक जमीन को बेचने, हस्तांतरित करने को लेकर रोक लगायी गयी है। पीएसीएल समिति को अप्रैल 2018 में जन कल्याण ट्रस्ट ने कराजात में कृषि जमीन के बैनामा और 15 जनवरी 2018 को सोनू अगमकुमार निगम के नाम से हुई रजिस्ट्री के बारे में जानकारी दी थी। समिति को पीएसीएल की संपत्ति बेचने और उससे प्राप्त राशि निवेशकों को लौटाने की जिम्मेदारी मिली है। पत्र के अनुसार संपत्ति पीएसीएल लि. की इकाई विटल सी मार्केटिंग लि. की है और जब संपत्ति खरीदी गयी थी, उसका भुगतान पीएसीएल को किया गया।पीएसीएल ने मई 2018 में समिति के समक्ष कहा था कि विटल सी मार्केटिंग की 99 प्रतिशत से अधिक शेयर पूंजी उसकी 21 सहयोगी कंपनियों के पास है। उसके अनुसार विटल सी मार्केटिंग पीएसीएल की सहयोगी कंपनी है और समिति ने निर्देश दिया कि ये संपत्ति बाजार नियामक द्वारा कुर्क की जानी चाहिए। नियामक ने नौ मार्च के अपने आदेश में निगम के अलावा विटल सी मार्केटिंग को दो साल के भीतर उसकी चल और अचल संपत्ति का ब्योरा देने का निर्देश दिया है।