गोंडा : शहर के आशीष कुमार गुप्त ने दाल उत्पादन से जुड़ी यूनिट स्थापना के लिए ओडीओपी कार्यक्रम के तहत आवेदन किया था। उद्योग विभाग ने चयन करके 10 लाख रुपये ऋण स्वीकृत करने के लिए फाइल डेढ़ माह पहले बैंक भेज दी। लेकिन, न तो स्वीकृति हुई और न ही ऋण मिला। मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के तहत मनकापुर के बल्लीपुर निवासी अजय सिंह ने फर्नीचर उद्योग के लिए ऋण मांगा था। इन्हें भी बैंक ने निराश किया। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत मसकनवां की शिवांगी सिंह ब्यूटीपॉर्लर खोलने के लिए अफसरों के चक्कर लगा रही हैं।
ये तो सिर्फ बानगी है। यहां सैकड़ों आवेदक ऋण के लिए भटक रहे हैं। उद्योग विभाग की तीन योजनाओं में 409 फाइलें बैंकों को भेजी गईं। 68 को स्वीकृति मिली, 26 को ऋण वितरण हुआ। 175 फाइलें लंबित हैं, जबकि 166 वापस कर दी गईं। उपायुक्त उद्योग बाबूराम का कहना है कि आवेदकों को ऋण दिलाने के लिए प्रयास किया जा रहा है। समीक्षा के लिए मीटिग बुलाई गई है। बैंक का पक्ष जानने के लिए प्रयास किया गया लेकिन, जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक दशरथी बेहरा ने कॉल रिसीव नहीं किया। योजनावार ऋण स्वीकृति पर एक नजर
योजना का नाम आवेदन स्वीकृत वितरित लंबित
एक जिला, एक उत्पाद 50 06 05 27
पीएम रोजगार सृजन कार्यक्रम 179 30 10 53
मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार कार्यक्रम 180 32 11 95